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उत्तराखण्ड में एक और भर्ती जांच के घेरे में, विजिलेंस ने केस दर्ज किया…

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उत्तराखण्ड में स्नातक स्तरीय परीक्षा मेें पेपर लीक के विवादों से घिरे अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की एक औऱ भर्ती विजिलेंस कार्रवाई की जद में आ गई है, 2016 में हुई इस परीक्षा को रद्द किया गया था। इस मामले में विजिलेंस ने मुकद्मा दर्ज करने के बाद कार्रवाई शुरू कर दी है। मामले में आयोग के ही तत्कालीन कई अधिकारियों और कर्मचारियों पर कार्रवाई हो सकती है।

अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने 6 मार्च 2016 को ग्राम पंचायत विकास अधिकारी के 196 पदों पर भर्ती की परीक्षा कराई थी। इसका परिणाम उसी साल 26 मार्च को जारी किया था। इस भर्ती परीक्षा में आरोप लगे थे कि ओमएमआर शीट को दो सप्ताह तक किसी गुप्त स्थान पर रखकर उससे छेड़छाड की गई थी। इसके बाद रिजल्ट जारी हुआ था। इस भर्ती में दो सगे भाईयों के टॉपर बनने के साथ ही एक गांव के 20 से ज्यादा युवाओं के चयन का आरोप लगा था। तत्कालीन हरीश रावत सरकार ने उच्च स्तरीय जांच बैठाई थी। विवादों के बीच ही चयन आयोग के अध्यक्ष आरबीएस रावत ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। बाद में 2017 में त्रिवेन्द्र सरकार ने इस भर्ती को रद्द करते हुए इसकी जांच बैठाई थी।

उम्मीद्वारों की ओर से दायर 13 याचिकाओं को हाईकोर्ट ने खारिज करते हुए एक दिसंबर 2017 को वीपीडीओ भर्ती को रिरस्त कर दोबारा से लिखित परीक्षा कराने के आदेश दिए थे। आयोग ने 25 फरवरी 2018 को दूसरी बार परीक्षा कराई, पूर्व परीक्षा में चयनित हुए 196 उम्मीद्वारों में से दूसरी परीक्षा में केवल 8 का चयन हुआ था।

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