देहरादून : राज्य सरकार के पुतले की शव यात्रा निकाल रहे आपातकालीन सेवा 108 सेवा व खुशियों की सवारी के पूर्व कर्मचारियों व पुलिस के बीच जमकर धक्का-मुक्की हुई। पुलिस को कर्मचारियों पर लाठियां फटकारनी पड़ीं। जिस कारण कुछ कर्मचारियों को चोटें भी आईं हैं। इनमें चार का दून अस्पताल में उपचार कराना पड़ा। वहीं बागेश्वर निवासी एक कर्मचारी की हालत गंभीर बताई जा रही है। इससे गुस्साए कर्मचारियों ने देर रात तक लैंसडौन चौक पर जाम लगाए रखा।
परेड मैदान स्थित धरना स्थल पर 108 के पूर्व कर्मचारी और पुलिस कई बार आमने-सामने आए। कर्मचारियों के प्रदर्शन को देखते हुए धरना स्थल के बाहर सुबह से ही भारी पुलिस बल तैनात किया गया था। इस दौरान न पुलिस के जवान टस से मस हुए और न ही कर्मचारी पीछे हटने को तैयार थे। वह धरना स्थल पर ही सरकार के खिलाफ नारे लगाते रहे। पर शाम के वक्त कर्मचारियों का धैर्य जवाब दे गया। कर्मचारी लैसडाउन चौक पर पुतला जलाने की मांग करने लगे। लेकिन पुलिस ने ऐसे होने नहीं दिया। करीब 5.15 पर कर्मचारियों ने वहीं पुतला जला दिया। कुछ कर्मचारी लगे। बैरिकेडिंग लांघकर बाहर आने लगे। इस दौरान कर्मचारियों की पुलिस से झड़प हो गई। जिस पर पुलिस ने हल्का बल प्रयोग किया। जिसमें चार कर्मचारियों को चोट आई हैं।
इससे गुस्साए कर्मचारी धरना स्थल से मुख्य मार्ग पर आ गए। यहां सड़क पर जमा लगाकर यातायात पूरी तरह से ठप कर दिया। वे सड़क पर बैठक नारेबाजी करने लगे। इस दौरान घंटाघर से कनक चौक जाने वाले वाहनों को तिब्ब्ती बाजार से होते हुए सर्वे चौक के रास्ते भेजा गया। कर्मचारी देर रात तक मुख्य मार्ग पर डटे रहे। बाद में वह धरना स्थल पर वापस लौट गए। संगठन के अध्यक्ष नीरज शर्मा का कहना है कि पुलिस ने बिना कारण उन पर बल प्रयोग किया। जिसमें उनके साथी कुंदन सुयाल, अंकित और लक्ष्मी व्यास को चोटें आई हैं। जबकि पवन खेतवाल गंभीर रूप से घायल हुए हैं।
क्या है मामला
आपातकालीन एंबुलेंस सेवा 108 के पूर्व कर्मचारी बकाया भुगतान और समायोजन की मांग को लेकर 30 अप्रैल से परेड ग्राउंड स्थित धरनास्थल पर डटे हैं। रविवार को कर्मचारी सरकार की सांकेतिक शव यात्रा निकालने वाले थे। इससे पहले वह मुंडन, सचिवालय व विधानसभा कूच और राष्ट्रपति से इच्छामृत्यु की मांग कर चुके हैं।