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प्रियंका गांधी की एंट्री और राहुल गांधी की इन तीन बातों के मायने क्या हैं?

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राहुल गांधी अमेठी के लिए जब बुधवार को लखनऊ हवाई अड्डे पर उतरे तो उनकी आगवानी करने वाले युवा कांग्रेसी कार्यकर्ता उनसे जो बात कह रहे थे उसमें बार-बार ये बात गूंज रही थी- भैया जी आपको यूपी में ज़्यादा समय देना होगा।

जब ये बात थोड़ी ज़्यादा होने लगी तो राहुल गांधी ने कहा, “आज दोपहर तक ऐसी गोली देता हूं कि सारे रोग दूर हो जाएंगे और आपके अंदर नई एनर्जी आ जाएगी।”

उस वक़्त तक लखनऊ से लेकर दिल्ली तक किसी को अंदाज़ा भी नहीं था कि राहुल गांधी ना केवल प्रियंका गांधी को महासचिव बना चुके हैं बल्कि पूर्वी उत्तर प्रदेश का प्रभार सौंपने का फ़ैसला लेकर अमेठी पहुंच रहे हैं।

वैसे, प्रियंका गांधी की राजनीति में आने की सुगबुगहाट, कोई नई बात नहीं है, चाहे वह अमेठी और रायबरेली में चुनाव प्रचार करना रहा हो या फिर राहुल गांधी के पीछे साये की तरह रहना, प्रियंका गांधी इन भूमिकाओं में लगातार नज़र आती रहीं थीं। लेकिन इससे ज़्यादा की भूमिका के लिए वे अनिच्छा जताती रहीं थीं।

लेकिन पिछले साल 13 जुलाई को जब उन्होंने कांग्रेस के सभी विभागों को देख रहे लोगों के साथ वन-टू-वन बैठक लेने के बाद सबसे अगले सौ दिन का एजेंडा पूछा तो ये क़यास लगने लगे थे कि प्रियंका गांधी अब बड़ी भूमिका के लिए तैयार हो चुकी हैं।

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