शासन ने मंगलवार को उत्तराखंड विशेष अधीनस्थ शिक्षा (प्रवक्ता संवर्ग) संशोधित सेवा नियमावली जारी कर दी है, जिसमें उत्तराखंड शिक्षा विभाग में प्रवक्ता बनने का सपना संजोए लाखों युवाओं के लिए राहत की खबर है। सरकार ने लोक सेवा आयोग के माध्यम से होने वाली प्रवक्ताओं की भर्ती में इंटरव्यू खत्म कर दिया है।वहीं भर्ती के लिए अभ्यर्थियों की अधिकतम आयु सीमा को 35 वर्ष से बढ़ाकर 42 वर्ष कर दिया है। साथ ही अब देश के विधि द्वारा स्थापित किसी भी विश्वविद्यालय से संस्कृत विषय के साथ स्नातक या शास्त्री की उपाधि वाले भी हिंदी के प्रवक्ता बन सकेंगे।
संशोधित नियमावली में कहा गया है कि प्रवक्ता पदों के लिए शैक्षणिक अर्हता अब लोक सेवा आयोग की परिधि के अंतर्गत एवं बाहर समूह ग के पदों की भर्ती के लिए अनिवार्य अर्हता नियमावली 2010 समय-समय पर यथासंशोधित प्रावधानों के अनुसार होगी।
शिक्षा विभाग में प्रवक्ताओं की भर्ती लोक सेवा आयोग के माध्यम से की जाती है।जिसमें लिखित परीक्षा के बाद इंटरव्यू के आधार पर अभ्यर्थी का अंतिम चयन किया जाता है।हाल ही में हुई प्रवक्ताओं की भर्ती में इंटरव्यू के आधार पर हुआ अभ्यर्थियों का चयन खासा विवादों में रहा। कुछ अभ्यर्थियों का आरोप था कि लिखित परीक्षा में अधिक अंक होने के बावजूद इंटरव्यू में उन्हें कम अंक देकर बाहर कर दिया गया। इसके बाद सरकार ने अब प्रवक्ताओं की भर्ती में इंटरव्यू की व्यवस्था खत्म कर दी है।
वहीं हिंदी प्रवक्ता पद के लिए संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी से शास्त्री की परीक्षा के प्रमाण पत्र की अनिवार्यता को भी खत्म कर दिया गया है।अब देश में विधि द्वारा स्थापित किसी भी विश्वविद्यालय से संस्कृत विषय के साथ स्नातक या देश में विधि द्वारा स्थापित किसी विश्वविद्यालय से शास्त्री की उपाधि वाला भी हिंदी का प्रवक्ता बन सकेगा।
वहीं हिंदी प्रवक्ता पद के लिए संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी से शास्त्री की परीक्षा के प्रमाण पत्र की अनिवार्यता को भी खत्म कर दिया गया है।अब देश में विधि द्वारा स्थापित किसी भी विश्वविद्यालय से संस्कृत विषय के साथ स्नातक या देश में विधि द्वारा स्थापित किसी विश्वविद्यालय से शास्त्री की उपाधि वाला भी हिंदी का प्रवक्ता बन सकेगा।