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गोल्डन कार्ड होने के बावजूद महिला मरीज को नहीं मिला इलाज, मामला सीएम तक पहुंचा

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केंद्र सरकार की ओर से आमजन को पांच लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज कराने को लेकर शुरू की गई ‘आयुष्मान भारत योजना’ को बड़े निजी अस्पताल पलीता लगा रहे हैं। आलम यह है कि योजना का गोल्डन कार्ड होने के बावजूद कई अस्पतालों से मरीजों को बैरंग लौटाया जा रहा है। ऐसा ही एक मामला श्री महंत इंदिरेश अस्पताल में सामने आया है। मामला मुख्यमंत्री तक पहुंचा तो इलाज करवाने का आश्वासन मिला।

घटनाक्रम के मुताबिक गजियावाला निवासी सुरेशचंद्र की पत्नी को किडनी में दिक्कत है। सुरेशचंद्र के परिवार के पास गोल्डन कार्ड भी है। बीमार पत्नी को लेकर सुरेशचंद्र शनिवार को दून अस्पताल पहुंचा, जहां से डॉक्टरों ने उसे कोरोनेशन अस्पताल भेज दिया। सुरेशचंद्र की मानें तो वह पत्नी को लेकर कोरोनेशन अस्पताल पहुंचा वहां से डॉक्टरों ने उसे श्री महंत इंदिरेश अस्पताल रेफर कर दिया। सुरेशचंद्र के मुताबिक जब वह अस्पताल पहुंचा तो वहां डॉक्टरों ने 15 हजार रुपये जमा करने को कहा। उन्होंने पैसा नहीं होने का हवाला दिया तो डॉक्टरों ने इलाज करने से मना कर दिया।

सुरेशचंद्र के मुताबिक वह बीमार पत्नी को लेकर मुख्यमंत्री आवास पहुंचा और आपबीती अधिकारियों को सुनाई। मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार रमेश भट्ट ने प्रकरण की जानकारी लेने के साथ ही सुरेशचंद्र को इलाज करवाने का आश्वासन दिया। सुरेशचंद्र का कहना है कि अब वह मंगलवार को पत्नी को लेकर अस्पताल जाएंगे। इस संबंध में जब श्री महंत इंदिरेश अस्पताल के वरिष्ठ जन संपर्क अधिकारी भूपेंद्र रतूड़ी से जानकारी ली तो उन्होंने ऐसी किसी घटना की जानकारी होने से अनभिज्ञता जताई।