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दो साल बाद फिर साथ आए जन्मेजय खंडूरी और दीपक रावत, क्या दिखेगा हरिद्वार में नैनीताल वाला करिश्मा?

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आज उत्तराखंड में कुछ ऐसे पुलिस अधिकारी और जिलाधिकारी हैं, जिनका नाम सुनते ही भ्रष्टाचारियों में खलबली मच जाती  है. क्राइम करने वालों में इनके नाम से ही तहलका मच जाता है. ऐसे ही तेज तर्रार अधिकारियों में शामिल हैं हरिद्वार के एसएसपी जन्मेजय खंडूरी और डीएम दीपक रावत. खंडूरी और रावत दोनों अपने कामों से उत्तराखंड के सबसे चर्चित ऑफिसर हैं. यहां तक की डीएम दीपक रावत साल 2017 में गूगल पर सबसे ज्यादा सर्च किए जाने वाले IAS अधिकारी रहे थे.
साल 2015-2016 से शुरू हुआ जन्मेजय खंडूरी और दीपक रावत का सफर काफी दिलचस्प रहा है. दोनों अफसरों ने नैनीताल में पोस्टिंग के दौरान कई ऐसे मामलों का खुलासा किया, जो पुलिस और सरकार के लिए चुनौती बना हुआ था. इसी समय उत्तराखंड में माओवादियों की धमक से सरकार परेशान थी. लेकिन एसएसपी जन्मेजय खंडूरी और डीएम दीपक रावत ने मिलकर माओवादी नेटवर्क का बड़ा खुलासा किया. नैनीताल पुलिस ने 50 हजार के ईनामी माओवादी देवेंद्र चम्याल और उसकी महिला साथी भगवती भोज को अरेस्ट किया था. देवेंद्र चम्याल को उत्तराखंड पुलिस और खुफिया एजेंसियां काफी वक्त से ढूंढ रही थी.
देवेंद्र चम्याल की गिरफ्तारी के बाद प्रदेश में माओवाद की कमर टूट गई, इस घटना के बाद दोनों अफसरों की हर ओर चर्चा होने लगी. वहीं जन्मेजय खंडूरी और दीपक रावत जब भी किसी सार्वजनिक कार्यक्रम में मिलते दोनों के बीच संगीत प्रेम भी खूब देखने को मिलता.

दोनों अफसरों ने एक साथ मंच साझा कर एक से बढ़कर एक गीत गाकर लोगों के दिलों में अपनी जगह बना ली. अब एक बार फिर दोनों की यही जुगलबंदी हरिद्वार में भी देखने को मिल सकती है.

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