Home Uncategorized उच्च शिक्षा कल्याण परिषद ने उठाई अध्ययन केन्दों की पीड़ा।

उच्च शिक्षा कल्याण परिषद ने उठाई अध्ययन केन्दों की पीड़ा।

1118
SHARE

उच्च शिक्षा कल्याण परिषद का एक प्रतिनिधि मंडल उत्तराखण्ड मुक्त विश्वविद्यालय के प्रोफेसर ओपीएस नेगी कुलपति एवं कुलसचिव भरत सिंह मिला। परिषद के अध्यक्ष एडवोकेट ललित जोशी ने कहा कि सम्पूर्ण उत्तराखण्ड में उच्च शिक्षा के उन्नयन हेतु परषिद पूर्ण रूप से शासन और विश्विद्यालयों के साथ कदम से कदम मिलाने के लिए प्रतिबद्ध है, किंतु जहाँ एक ओर शिक्षा के क्षेत्र में कार्य करने वाले शिक्षाविद तकनीकी शिक्षा, चिकित्सा शिक्षा, आयुष शिक्षा, उच्च शिक्षा,संस्कृत शिक्षा, मुक्त शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए प्रयासरत है वही शासन और राजभवन स्तर पर संस्थानों को अनेक कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है चाहे वह एकड़ों में भूमि के मानक हो या करोड़ों के प्राभूति राशि या शासन एवं राजभवन से अनापत्ति पत्र एवं संबद्धता जो कि शिक्षाविदों को शिक्षा के क्षेत्र से पीछे हटने को मजबूर कर रहा है। यद्यपि ऐसा प्रतीत होता है कि इन मानकों को पूर्ण करने केवल भू-आबकारी-रियालस्टेट कारोबारी ही पूर्णे करने की स्थिति में है। अतः परिषद द्वारा ज्ञापन के माध्यम से मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति से आग्रह किया गया कि उत्तराखंड के अन्तरगत संचालित अध्ययन केंद्रों की सम्बद्धता के लिए शिथिलता प्रदान करते हुऐ आवश्यक कार्यवाही करें तथा जिन 50 से अधिक अध्यन केन्दों की सम्बद्धता राजभवन स्तर में लंबित है उन अध्ययन केंद्रों को शिथिलता प्रदान करते हुये निरंतर विश्विद्यालय से सम्बद्ध रखे जिससे हजारों छात्र-छात्राओं का भविष्य अधंकार में जाने से बच सके क्योंकि उत्तराखण्ड मुक्त विश्विद्यालय के प्राम्भिक दौर में इन्ही अध्ययन केंद्रों द्वारा विश्विद्यालय का प्रचार प्रसार किया गया और आज हजारों लोगों को अध्ययन केंद्रों के माध्यम से रोजगार मिला है अगर ये अध्ययन केंद्र बंद होते है तो इसका सीधा असर सैकड़ों परिवार की रोजी रोटी पर पड़ेगा। ज्ञापन देने वाले सदस्यों में परिषद के महामंत्री निशांत थपलियाल, उपाध्यक्ष संदीप चौधरी, वरिष्ठ उपाध्यक्ष छबील सिंह, योगेश जोशी सहित अन्य सदस्य उपस्थित रहे।