पेपर लीक प्रकरण में विवादों से घिरे अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने समूह-ग के करीब 4200 पदों पर होने वाली आठ भर्ती परीक्षाओं पर रोक लगा दी है। इस्तीफा देकर जाते हुए अध्यक्ष ने शासन को भर्तियां रोकने का पत्र भेजा था। आठ महीने से खाली पड़ी परीक्षा नियंत्रक की कुर्सी सचिव के जिम्मे है।
विधानसभा चुनाव से ठीक पहले सरकार ने 20 हजार पदों पर भर्तियों का लक्ष्य रखा था। इस लक्ष्य के सापेक्ष समूह-ग के करीब 4200 पदों के लिए अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने विज्ञप्तियां निकाली थीं। सभी की आवेदन प्रक्रिया भी पूरी हो चुकी है। वन विभाग, पुलिस, राजस्व विभाग, ऊर्जा निगमों सहित विभिन्न विभागों की इन भर्तियों की जिम्मेदारी निभाने के लिए आयोग के पास परीक्षा नियंत्रक नहीं है।
दिसंबर में परीक्षा नियंत्रक नारायण सिंह डांगी सेवानिवृत्त हो चुके हैं। कामचलाऊ व्यवस्था के तहत फिलहाल सचिव के पास ही परीक्षा नियंत्रक की भी जिम्मेदारी है। पटवारी-लेखपाल, पुलिस कांस्टेबल, फॉरेस्ट गार्ड, सहायक लेखाकार रि-एग्जाम जैसी परीक्षाएं ऐसी हैं, जिनके लिए बड़ी संख्या में युवाओं ने आवेदन किए हैं। अगले छह महीने में इन भर्तियों की परीक्षा होने की उम्मीद थी। बताया जा रहा है कि इन आठ भर्ती परीक्षाओं का तीन लाख से ज्यादा युवाओं को इंतजार है।
ये प्रमुख भर्तियां लटकीं-
फॉरेस्ट गार्ड भर्ती- 894 पद
पटवारी-लेखपाल भर्ती- 520 पद
पुलिस कांस्टेबल भर्ती- 1521 पद
सब इंस्पेक्टर भर्ती- 272 पद
लैब असिस्टेंट भर्ती – 200 पद
सहायक लेखाकार रि-एग्जाम- 662 पद
उत्तराखंड जेई भर्ती – 76 पद
गन्ना पर्यवेक्षक भर्ती- 100 पद