
कोरोना महामारी से उत्पन्न आर्थिक संकट को देखते हुए सरकार ने राज्य कर्मचारियों के वेतन पर कैंचीं चला दी और 29 मई को इस संबंध में शासनादेश जारी करते हुए 2021 तक राज्य के सरकारी विभाग, शासकीय सहायता प्राप्त शिक्षण, प्राविधिक शिक्षण संस्थान, निगम, नगर निकाय, सार्वजनिक उपक्रम और स्वायत्तशासी संस्था के कर्मचारियों के हर महीने एक दिन का वेतन काटने का आदेश जारी किया गया। सरकार के इस आदेश के खिलाफ दीपक बेनीवाल और अन्य कई ओर से उत्तराखंड हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई, बुधवार को मामले की सुनवाई करते हाईकोर्ट ने सरकार से जवाब तलब किया है और दो दिन के भीतर जवाब देने को कहा है।
मामला हाईकोर्ट में पहुंचने के बाद सरकार ने अपना फैसला बदला है, मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा है कि राज्य के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी व पर्यावरण मित्रों के वेतन में से कोविड-19 फंड में अब एक दिन के वेतन की कटौती नहीं की जाएगी। वहीं मुख्यमंत्री ने राज्य की आंगनबाड़ी और आशा कार्यकत्रियों के खाते में 1-1 हजार सम्मान निधि दिए जाने का ऐलान भी किया है।
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