एक दौर में देहरादून शहर की खूबसूरती में चार चांद लगाने वाली रिस्पना और बिंदाल नदियों को अब गंदगी ढोने के दाग से मुक्ति मिल जाएगी। नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा ने नमामि गंगे परियोजना के तहत दोनों नदियों में समा रहे सीवरेज और गंदे नालों के निस्तारण के मद्देनजर शुक्रवार को केंद्र ने 63.75 करोड़ रुपये के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। रिस्पना में गिर रहे नालों की टैपिंग के साथ ही नदी के किनारे की बस्तियों से निकलने वाले सीवरेज को एसटीपी से जोड़ा जाएगा। वहीं, बिंदाल नदी को हरिद्वार बाइपास रोड से कारगी स्थित सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में डाला जाएगा और फिर वहां से उपचारित पानी को नदी में छोड़ा जाएगा।
रिस्पना और बिंदाल कभी साफ-सुथरी नदियां हुआ करती थीं। वक्त ने करवट बदली और ये कब नालों में तब्दील हो गंदगी ढोने का जरिया बन गईं, पता ही नहीं चला। आज यह दोनों नदियां मरणासन्न स्थिति में पहुंच गई हैं। रही-सही कसर पूरी कर दी इनके किनारे उग आई अवैध बस्तियों ने। शहरभर की गंदगी ढो रही यह नदियां न सिर्फ आसपास के वातावरण को दूषित कर रही हैं, बल्कि गंगा के प्रदूषण का कारण भी बन रही हंै। असल में यह दोनों सुसवा नदी में मिलती हैं और सुसवा सौंग में। सौंग नदी गंगा की सहायक नदी है।
इस सबको देखते हुए नमामि गंगे परियोजना में रिस्पना और बिंदाल को गंदगी के दाग से निजात दिलाने को कसरत की गई। लंबे इंतजार के बाद इसे सकारात्मक नतीजे आए हैं। सूत्रों के मुताबिक पूर्व में राज्य की ओर से नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा (एनएमसीजी) को प्रस्ताव भेजा गया था, मगर इसे कुछ आपत्तियों के साथ लौटा दिया गया। इसके बाद संशोधित प्रस्ताव भेजा गया, जिस पर शुक्रवार को दिल्ली में एनएमसीजी की एक्जीक्यूटिव कमेटी की बैठक में मंथन हुआ और फिर 63.75 करोड़ के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। राज्य परियोजना प्रबंधन समूह (नमामि गंगे) के कार्यक्रम निदेशक उदयराज सिंह ने इसकी पुष्टि की। उन्होंने कहा कि अब जल्द ही कार्यदायी संस्था पेयजल निगम दोनों नदियों में सीवरेज निस्तारण के साथ ही नालों की टैपिंग का कार्य शुरू करेंगी।
ये होंगे काम रिस्पना नदी
- 3000 घर होंगे सीवर लाइन से कनेक्ट
- 177 नालियों की होगी टैपिंग
- 04 बड़े नाले जुड़ेंगे एसटीपी से
- 09 एमएलडी सीवरेज को निस्तारण के लिए जोड़ेंगे मोथरोवाला एसटीपी से
बिंदाल नदी-शहर के मध्य से गुजरने वाली बिंदाल नदी की स्थिति ऐसी नहीं है कि उसके किनारे सीवर लाइन व नालों की टैपिंग के काम हों। इसे देखते हुए अब बिंदाल के गंदे पानी को हरिद्वार बाइपास रोड से कारगी एसटीपी से जोड़ा जाएगा। फिर वहां से उपचारित पानी को इस नदी में छोड़ा जाएगा। ऐसे में कारगी से आगे यह नदी साफ हो जाएगी।
- देहरादून शहर से रोजाना औसतन 115 एमएलडी (मिलियन लीटर डेली) सीवरेज निकलता है। इसके निस्तारण के लिए कारगी व मोथरोवाला में क्रमश: 68 व 40 एमएलडी क्षमता के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) बने हैं, लेकिन इनमें नाममात्र का ही सीवरेज जा रहा है। कारगी एसटीपी में 12 और मोथरोवाला में 13 एमएलडी का ही निस्तारण हो रहा है। ऐसे में सवाल उठ रहा कि बाकी सीवर का निस्तारण कहां हो रहा है।