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केंद्र के बाद उत्तराखंड सरकार ने भी लागू किया आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों के लिए 10 फीसदी आरक्षण

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उत्तराखंड सरकार ने भी  राज्य में आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों को सरकारी नौकरियों में 10 फीसदी आरक्षण लागू कर दिया है। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आज आरक्षण लागू करने की घोषणा की है। अब  राज्य में होने वाली सभी सरकारी नौकरियों में आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के बेरोजगारों को 10 फीसदी आरक्षण मिलेगा।

केंद्र सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों को सरकारी नौकरियों में आरक्षण देने का फैसला किया है। संसद से इसका विधेयक पारित होने के बाद राष्ट्रपति ने भी इस पर मुहर लगा दी है। इससे देश में सवर्णों को सरकारी नौकरी और उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश के लिए 10 फीसदी आरक्षण का रास्ता पूरी तरह से साफ हो गया है। यह आरक्षण अभी तक विभिन्न वर्गों को मिल रहे 50 फीसदी आरक्षण को प्रभावित किए बिना मिलेगा।

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र ने मंगलवार को घोषणा की कि केंद्र सरकार के इस फैसले को राज्य में लागू कर दिया गया है। अधिकारियों को इसे तत्काल प्रभाव से लागू करने के आदेश दिए गए हैं। केंद्र सरकार के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय की ओर से 14 जनवरी को इसे लागू करने का गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है। इस नोटिफिकेशन की प्रति भी राज्य सरकार को प्राप्त हो गई है। हालांकि इसकी कुछ औपचारिकताएं पूरी करने के लिए इसे अगली कैबिनेट बैठक में रखा जाएगा। पर राज्य में अब यह विधेयक  प्रभावी हो गया है।

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा है कि सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को 10 प्रतिशत का आरक्षण ऐतिहासिक कदम है। देश में काफी समय से आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के बेरोजगारों को आरक्षण की लंबे समय से मांग की जा रही थी। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने इस मांग को पूरा कर आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों को भी इसका लाभ दिया है। इससे सरकार ने सबका साथ सबका विकास के श्री मोदी के नारे को भी साकार किया है।